प्रदेश में फर्जी अनामिका शुक्ला की उठापटक के बाद असली अनामिका शुक्ला बनी प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक।
गोंडा जिले में नकली अनामिका शुक्ला की फर्जी पोस्टिंग के बाद असली अनामिका शुक्ला को एक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर तैनाती दी गई,साथ ही विद्यालय के प्रबंधक के वक्तव्य के अनुसार" अनामिका के साथ धोखाधड़ी की गई थी। इसलिए इनको नौकरी दी जा रही है।
प्रदेश में जहां फर्जी अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जीवाड़ा करके नौकरी हथियायी थी,वहीं अब असली अनामिका को जनपद गोंडा में ज्वानिंग लेटर के लिए ऑफर दिया गया है
मंगलवार को जहाँ अनामिका बेसिक शिक्षा अधिकारी के समक्ष पेश हुई थी, उन्होंने बीएसए साहब को अपने सभी प्रमाण पत्र दिखाए और अपने प्रमाण पत्रों को। गलत तरीके से उपयोग में लाए जाने के आरोप - प्रत्यारोप भी लगाए। उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्रों के उपयोग की कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई, चलो जो हुआ सो हुआ लेकिन अब अनामिका को कॉल लेटर मिल चुका है।
आप सभी को ज्ञात होगा कि असली अनामिका शुक्ला गोंडा जनपद में भुलईडीह की रहने वाली हैं।
पिछले एक पखवाड़े से असली और नकली अनामिका का खेल चल रहा था, जहाँ नकली अनामिका शुक्ला के नाम से सूबे मे अलग - अलग जनपदों के 25 विद्यालयों में 13 महीने की फर्जी नौकरी में लगभग 1 करोड़ रुपए का सरकार को चूना लगाया।
जब बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों का ऑनलाइन डेटाबेस बना रहा था तभी विभाग को खबर चली की अनामिका शुक्ला नामक नकली शख्स का पता चला जिसकी जानकारी 25 जनपदों में होने को हुई तो विभाग ने आनन - फानन पूरे मामले की जांच के आदेश दिए।
फिलहाल अब बेसिक शिक्षा विभाग में अब शिक्षकों का ऑनलाइन डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जा रहा है और इसके उपरांत कस्तूरबा गांधी में तैनात फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला, 25 जनपदों में कार्यरत पायी गई थी,तभी विभाग ने नोटिस जारी कर तत्काल जवाब मांगा,लेकिन नकली शिक्षिका की तरफ से मामला शिफर रहा,
इसके बाद विभाग ने शिक्षिका का मानदेय रोक दिया और कार्यवाही करने का आदेश देकर रोक लगा दी थी।