उत्तर प्रदेश में अब पांच साल की संविदा के आधार पर मिलेगी सरकारी नौकरी - प्राथमिक शैक्षिक खबर

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उत्तर प्रदेश में अब पांच साल की संविदा के आधार पर मिलेगी सरकारी नौकरी

उत्तर प्रदेश में अब पांच साल की संविदा के आधार पर मिलेगी सरकारी नौकरी



👉 समूह 'ख' व 'ग' की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव की तैयारी में प्रदेश सरकार

👉 हर छह माह पर मूल्यांकन, किसी वर्ष में 60 प्रतिशत से कम अंक तो नौकरी से बाहर

👉 पांच वर्ष की कठिन संविदा प्रक्रिया में छंटनी से बचे, तभी पक्की नौकरी की सौगात

प्रदेश सरकार समूह ख व समूह ग की  भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद शुरुआती पॉंच वर्ष तक कर्मचारियों को संविदा के आधार पर नियुक्त करने की योजना है

इस दौरान नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे पॉंच वर्ष की कठिन  
सेवा के दौरान जो छटनी से बच पायेंगे उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए लाने की तैयारी कर रहा है इस प्रस्ताव पर विभागों से राय मसविरा शुरू कर दिया गया है वर्तमान में सरकार अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से रिक्त पदों पर लोगों को चयन के बाद संबंधित संवर्ग को सेवा नियमावली के अनुसार एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति देती है।

इस दौरान कर्मचारियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ दिये जाते हैं इस दौरान वह वरिष्ठ अफसरों को निगरानी में कार्य करते हैं नियमित होने पर यह नियमानुसार अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं पर प्रस्तावित 5 वर्ष को और इसके बाद मौलिक नियुक्ति की कार्रवाई से समूह ख व ग की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही बदल जायेगी।

नई व्यवस्था के पक्ष में सरकार का तर्क राज्य कर्मचारियों को दबाने उनमें नैतिकता देशभक्ति एवं के मूल्यों का विकास करता कम करने के उद्देश्य से यह नियमावली प्रस्तावित है एवं ग के पदों पर नियुक्त संविदा पर एवं नियमितीकरण नियमावली 2020 कहा जाएगा।

संविदा पर नियुक्त कर्मियों को नियमित वेतन

संविदा पर नियुक्त व्यक्ति को समूह ख व ग के संबंधित पद का राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मुद्रास्फीति आधारित नियत वेतन दिया जायेगा 5 वर्ष की संविदा अवधि निर्धारित शर्तों पर पूर्ण होने पर संबंधित व्यक्ति को संगत सेवा नियमावली में स्थान देते हुए मौलिक नियुक्त दी जायेगी।

एमकेपीआई के आधार पर होगा मूल्यांकन

संविदा अवधि के 4 वर्ष पूर्ण होने के बाद एमकेपीआई के आधार पर चयनित व्यक्तियों को समय का अनुपालन करने, अनुशासित रहने, देशभक्ति एवं नैतिकता का मापांक रखते हुए 5वें वर्ष में विभागों द्वारा इस संबंध में छह माह का अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाएगा।

संविदा के दौरान संबंधित पद की संगत सेवा नियमावली में उल्लिखित पदनाम के पहले सहायक पद नाम से नियुक्ति की जाएगी।

संविदा अवधि में प्रत्येक वर्ष एमकेपीआई के आधार पर कार्य कर रहे कुल व्यक्तियों में से 2 छमाही के प्राप्तांक का योग 60 प्रतिशत से कम होने पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी संविदा कर्मी के कार्य को देखते हुए नियमावली के साथ निर्धारित एमकेपीआई अंकित कर नियुक्त प्राधिकारी चयन प्रस्ताव भेजेंगे छमाही समीक्षा केवल इन्हीं एमकेपीआई पर की जाएगी ताकि पारदर्शिता रहे यह एमकेपीआई नियुक्ति पत्र का भी अंश होंगे।

एमकेपीआई के आधार पर छमाही समीक्षा की कार्यवाही नियुक्ति पदाधिकारियों (कार्यालयाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष व शासन) के स्तर पर आधारित समितियां करेंगी।

समीक्षा समिति द्वारा प्रत्येक छमाही के बाद प्रदर्शित किए गए अंक को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा बंद लिफाफे में रखा जाएगा।