बीआरसी से किताबें ढोकर ले गए गुरु जी कर रहे भाड़े इंतजार नहीं मिली अभी तक कटी चवन्नी।
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक बच्चों को शासन की ओर से मिलने वाली मुफ्त किताबें परेशानियों का कारण बनती जा रही हैं।
ब्लाक संसाधन केंद्रों से परिषदीय स्कूलों तक किताबें पहुंचाने के लिए भाड़े के नाम पर अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग ने ब्लॉक संसाधन केन्द्रों से विद्यालयों तक किताबें पहुंचाने के लिए भाड़े के लिए अभी तक कटी चवन्नी भी नहीं दिया है।
जबकि इस मद में आई आठ लाख का बजट अभी तक डंप है, ब्लाक संसाधन केंद्रों से स्कूल वार शिक्षकों को किताबें आवंटित कर भेजी गई हैं । अब तक 81 प्रतिशत किताबें शिक्षक स्कूल में पहुंचा चुका हैं ।
जिले में संचालित 2,650 परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से लेकर आठ तक पंजीकृत दो लाख 38 हजार बच्चों को मुफ्त में देने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने 17 लाख 58 हजार 613 किताबें खरीदी हैं, शासन ने नि:शुल्क किताबों के लिए लगभग आठ करोड़ की धनराशि जारी की है।
जुलाई महीने में आई 81 फीसदी किताबें शिक्षकों के माध्यम से स्कूल भेजी जा चुकी हैं ।
इस महीने के पहले सप्ताह में सात प्रतिशत किताबें और आई हैं । इनका शुक्रवार को सत्यापन कराया गया है । यह 10 अगस्त को ब्लाक संसाधन केंद्र भेज दी जाएंगी । चालू सत्र में पहली बार सर्व शिक्षा अभियान के तहत ब्लाक संसाधन केंद्रों से स्कूल तक किताबें भेजने के लिए बीईओ को जिम्मेदारी दी गई है ।
इसके लिए सभी 13 बीईओ के खाते में स्कूल तक किताबें पहुंचाने का भाड़ा आठ लाख की धनराशि भेजी गई है । शिक्षकों के मोबाइल में मैसेज भेजकर उन्हें ब्लाक संसाधन केंद्र भेजकर किताबें आवंटित की गई हैं । शिक्षक बाइकों से बोरियों में भरकर किताबें स्कूल ले गए हैं ।
ऐसे में वह भाड़े की मांग कर रहे हैं ।
ब्लॉक संसाधन केंद्रों से किताबें स्कूल पहुंचाने की जिम्मेदारी बीईओ की है । जिले से उन्हीं को भाड़े का नियमानुसार भुगतान किया जाएगा । अनियमितता, होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।
वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष जी बयान है कि प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाअध्यक्ष जी का बयान है कि ब्लाक संसाधन केंद्रों में कार्यरत एआरपी के माध्यम से बीईओ ने हर स्कूल के शिक्षकों को मेसेज कर किताबें लेने के लिए बुलाया था ।
सभी स्कूलों के शिक्षकों ने ब्लाक संसाधन केंद्रों से किताबें ले जाकर स्कूलों में बांटा है । इसके भाड़े के नाम पर किसी तरह की कोई धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है ।