फतेहपुर : 62 वर्ष से अधिक उम्र के आठ सैकड़ा ऑंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को हटायेगी सूबे की सरकार,मची खलबली !
ऑंगनवाड़ी का मतलब है " ऑंगन में आश्रय " यह योजना भारत सरकार द्वारा 1975 में मां और बच्चों की भूख व कुपोषण से निजात दिलाने के लिए आरम्भ की गई थी । आज जहाँ राजस्थान सरकार भर्तियां कर रही है वहीं सूबे की सरकार बाहर का रास्ता
दिखाने जा रही है।
👉 बाल विकास एवं पुष्टहार विभाग में 62 वर्ष से अधिक आयु के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नौकरी से हटाए जाने का शासनादेश जारी होते ही अफरा-तफरी मच गई है ।
👉 जिले के आठ सौ से अधिक कार्यकर्तार्ओं - की सूची तैयार कर विभाग संविदा समाप्त करने की तैयारी कर ली है ।
जनपद के सभी ब्लाकों में लगभग 3000 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है जिसमें 2664 आंगनबाड़ी कार्यकत्री कार्यरत हैं ।
👉 हालांकि कोविड-19 की वजह से इस समय केंद्र बंद चल रहे हैं । बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग लखनऊ से डायरेक्टर डॉ० सारिका मोहन का शासनादेश जारी कर 62 वर्ष से अधिक आयु के कार्यकर्ताओं की सूची मांगी है ।
👉 जिला कार्यक्रम अधिकारी जया त्रिपाठी व अपर संख्याधिकारी कपिल कुमार कहा कि पहली बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है ।
सेवानिवृत्ति की अवधि 65 वर्ष निर्धारितः आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश उपाध्यक्ष / जिलाध्यक्ष सुनंदा तिवारी ने कहा कि प्रदेश में आंगनबाड़ी का गठन कर 1975 में किया गया था l
👉 लेकिन जनपद में नियुक्तियां 1985 में हुई थीं, सीएम व प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र में कहा कि केंद्र सरकार ने पेंशन के साथ रिटायर की आयु 65 वर्ष निर्धारित की थी l
👉 लेकिन राज्य सरकार पहले ही नौकरी से निकाल रही है, इसलिए दो लाख भत्ता व मानदेय की तरह पेंशन निर्धारित की जाए अभी यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है ।