उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में इस माह हो सकता है बड़ा उल्टफेर
लोकसभा चुनाव हो चुका है और सरकारी कामकाज में अब तेजी आने वाली है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद यह माना जा रहा है कि यूपी की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा उलटफेर हो सकता है दुर्गा शंकर मिश्र का मुख्य सचिव के पद पर तैनाती का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल न बढ़ाया तो इस पद पर नए अफसर की तैनाती होगी।
इसके अलावा मई में दो आईएएस अफसरों के सेवानिवृत्त होने के बाद से ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग खाली है इन दोनों पदों पर अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है मुख्य सचिव के लिए दो नाम मुख्य सचिव के पद पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की दावेदारी होती है मौजूदा समय वर्ष 1987 के दो और वर्ष 1988 बैच के तीन आईएएस अधिकारी हैं वर्ष 1987 बैच की आईएएस लीना नंदन मौजूदा समय केंद्र में सचिव उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के पद पर हैं तैनात हैं वह इसी साल दिसंबर में सेवानिवृत्त हो रही हैं।
इसी बैच के अरुण सिंघल भी केंद्र में सचिव,स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग में तैनात हैं वह अप्रैल 2025 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं वर्ष 1988 बैच के डा० रजनीश दुबे राजस्व परिषद के अध्यक्ष हैं वह इसी साल 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं इसी बैच की
एस० राधा चौहान केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में तैनात हैं और वह इसी महीने 30 जून को सेवानिवृत्त
हो जाएंगी इसी बैच के मनोज कुमार सिंह मौजूदा समय कृषि उत्पादन आयुक्त व औद्योगिक विकास आयुक्त के पद पर तैनात हैं वह अगले सरकार सेवानिवृत्त होंगे इसलिए मुख्य सचिव पद के लिए मनोज कुमार सिंह व अरुण सिंघल की दावेदारी मानी जा रही है।
कई विभागों के बदले जाएंगे मुखिया
महेश कुमार गुप्ता और अनीता सिंह दोनों वरिष्ठ आईएएस अफसर मई में सेवानिवृत्त हो चुके हैं आचार संहिता होने के चलते ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग व आयुक्त एफएसडीए का अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है इसलिए इन दोनों विभागों में स्थाई तैनाती होगी।