इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने इंचार्ज हेडमास्टर को प्रधानाध्यापक के समान वेतन देने का किया आदेश
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के भारी संख्या में रिक्त पद पड़े हुए हैं लेकिन पिछले कई वर्षों से उन पर पदोन्नति नहीं की जा रही वर्षों से सहायक अध्यापक पद पर कार्य कर रहे पदोन्नति की आश लगाए हुए बैठे थे, लेकिन शासन स्तर से पिछले 7-8 वर्षों से कोई पदोन्नति नहीं की गई। जिससे प्रभारी प्रधानाध्यापक का दायित्व निभा रहे सहायक शिक्षकों में सरकार के प्रति बड़ी नाराजगी थी।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के संगठन मंत्री श्री त्रिपुरारी दुबे द्वारा 2022 में माननीय उच्च न्यायालय में याचिका संख्या Writ(A)18228/2022 योजित की गई कि पिछले कई वर्षों से प्रधानाध्यापक का दायित्व निभा रहे हैं इसलिए उन्हें प्रधानाध्यापक का वेतन प्रदान किया जाए क्योंकि विभाग समय से पदोन्नति करने में असफल रहा है।
याची के वकील श्री आलोक गुप्ता ने विभिन्न निर्णयों की व्याख्या करते हुए कोर्ट में कहा कि याचियो की मांग जायज है।
स्टैंडिंग काउंसिल के सरकारी वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि याची प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्त नहीं है इसलिए उन्हें प्रधानाध्यापक का वेतन नहीं दिया जा सकता।
लेकिन बेंच सरकारी पक्ष से सहमत नहीं दिखी और दिनांक 15 मई 2024 को याचियो के पक्ष में निर्णय दिया कि याचियो को एक माह के अंदर प्रधानाध्यापक पद का वेतन व पीछे का एरियर भुगतान किया जाय निर्णय को आज पोर्टल पर अपलोड किया गया।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश विधि सलाहकार आमोद श्रीवास्तव ने बताया कि इस आदेश से सरकार पदोन्नति में शीघ्रता लाएगी एसोसिएशन के वरिष्ठ प्रदेश मंत्री श्री तारकेश्वर शाही संगठन मंत्री श्री त्रिपुरारी दुबे ने कहा हमारा संघर्ष काम आया और न्याय मिला एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष श्री सन्तोष तिवारी ने संघर्ष/मेहनत के लिए अपने पदाधिकारियों को बधाई दी है।
संघठन के इस उपलब्धि के लिए सभी सम्मानित याचीगढ व पैरवी कर रहे बरिष्ठ पदाधिकारियों को ह्रदय की गहराइयों से आभार।