निदेशक के आदेश पर शिक्षकों ने जाहिर की नाराजगी, बोले स्कूलों में घटेगी बच्चों की संख्या
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक में प्रवेश के लिए एक अप्रैल को बच्चा 6 साल का होना अनिवार्य है इससे नीचे है तो उसका प्रवेश आंगनबाड़ी या फिर प्री- नर्सरी स्कूलों में लिया जायेगा।
इस बारे में आदेश आने के बाद शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की है शिक्षकों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी कक्षाओं का संचालन नहीं होता है ऐसे में ये बच्चे अगर प्राइवेट स्कूल में प्री नर्सरी में प्रवेश लेकर पढ़ने जाते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वह लौटकर उनके यहां कक्षा-एक में प्रवेश लेंगे।
इसके बाद सरकारी सरकारी स्कूलों में नामांकन संख्या तेजी से घटेगी और इसका असर शैक्षिक सत्र 2024-25 में पंजीकृत होने वाले बच्चों का यू डायस पर डाटा फीडिंग के बाद दिखाई पड़ेगा हालांकि, शिक्षक 2023 में जारी शासनादेश का भी हवाला दे रहे हैं वहीं विभाग भी अपने निर्णय पर कायम है।
शिक्षकों का कहना है कि 1 अप्रैल की जगह 31 जुलाई तक 6 साल पूरा करने वाले बच्चे को कक्षा एक में प्रवेश लेने की अनुमति दी जानी चाहिए नहीं तो नामांकन संख्या स्कूलों में घटेगी शिक्षक कहते हैं कि निदेशक के आदेश के मुताबिक, यदि कोई बच्चा जुलाई मई माह में भी 6
साल पूरा करता है तो नये आदेश के मुताबिक, उसके कक्षा-एक में प्रवेश लेने के लिए पूरे एक साल का इंतजार करना होगा।