बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) बनाम डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) - प्राथमिक शैक्षिक खबर

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बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) बनाम डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड)

बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) बनाम डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड)




बैचलर ऑफ एजुकेशन यानी बी०एड०, यह शिक्षण करियर और संबंधित क्षेत्रों में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए एक स्नातक शैक्षिक डिग्री कार्यक्रम है।

डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन यानी डी०एल०एड० दो तरह का होता है, एक दो साल का रेगुलर, दूसरा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग द्वारा ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग में मोड में कराया जाने वाला, जो 18 महीने का होता है।

👉सुप्रीम कोर्ट आर्डर (जिसमें B.Ed को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर करने का निर्णय दिया गया है) 11/08/2023 से पूरे देश में लागू होगा।

👉किसी भी नियुक्ति पाए अभ्यर्थी को हटाना न्यायसंगत नहीं होगा नियुक्त हुए अध्यापकों को 01 वर्ष के भीतर NCTE को पाठ्यक्रम तैयार करके पूरा कराना होगा ब्रिज कोर्स।

👉 कुछ समझ में नहीं आ रहा है क्या होगा। सबसे बड़ी गलती सरकार कि है जिसने ब्रिज कोर्स नहीं करवाया आज ब्रिज कोर्स हुआ रहता तो ये नौबत नहीं आती सरकार के नियम के अनुसार ही लोगो ने बी०एड० किया अब लोग मेंटल ट्रामा से गुजर रहे हैं।


8 अप्रैल की सुनवाई का सार


👉 11 अगस्त से फैसला लागू होगा

👉 11 अगस्त 2023 के पहले ऐसे Bed अभ्यर्थी  जिनकी नियुक्तियां हो गयी है और उनकी भर्ती किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है/सब्जेक्ट टू आउटकम नहीं है उनकी नियुक्तियां बची रहेगी और 1 साल के अंदर उन्हें ब्रिज कोर्स करना होगा।

👉 ब्रिज कोर्स का लाभ उन्हीं Bed अभ्यर्थियों को मिलेगा जिनकी नियुक्तियां 11 अगस्त 2023 के पहले हो चुकी है और उनकी भर्ती में Bed  योग्यता को चैलेंज नहीं किया गया है।

👉 11 अगस्त 2023 के बाद से पूरे भारत में प्राथमिक शिक्षा हेतु Bed अयोग्य रहेगा, आगामी भर्ती में उन्हें मौका नहीं मिलेगा।

👉 जिस  राज्य की भर्तियां सब्जेक्ट टू आउट कम थी या न्यायालय में Bed योग्यता को लेकर विचाराधीन थी उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा अर्थात वह बाहर होंगे।