बगैर ड्रेस व जूते-मोजे के स्कूल आए बच्चे तो अभिभावक बताएंगे कहां खर्च किया पैसा खाद या पानी में - प्राथमिक शैक्षिक खबर

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बगैर ड्रेस व जूते-मोजे के स्कूल आए बच्चे तो अभिभावक बताएंगे कहां खर्च किया पैसा खाद या पानी में

बगैर ड्रेस व जूते-मोजे के स्कूल आए बच्चे तो अभिभावक बताएंगे कहां खर्च किया पैसा खाद या पानी में



बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित स्कूलों में पड़ने वाले बच्चों को जूते मौजे के लिए सरकार से पैसे मिलते लेकिन पैसे मिलने के बाद बहुत इस पैसे को दूसरे काम में कर देते हैं इससे चप्पल और सामान्य कपड़े पहनकर आने के लिए है अब इस सत्र में स्कूल स्तर पर पूरी निगरानी की जाएगी अभिभावकों के खाते में अगर पैसा पहुंच गया है तो उन्हें इससे बच्चे के लिए यूनिफार्म, जूते, बैग, स्टेशनरी आदि खरीदनी होगी। 

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से 1200 रुपये ट्रांसफर किए गए हैं पहले चरण में बुधवार को एक लाख 17 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए गए शेष बच्च के को अगले चरण में इसकी राशि भेजी जाएगी जिले मैं करीब 10 हजार अभिभावक के खाते का आधार से सत्यापन नहीं हो पाया है विभाग की और से सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है वहीं दूसरी और जिन बच्चों के लिए यूनिफार्म, जूते, मोजे के लिए पैसा मिल गया है। 

अगर वह बगैर यूनिफार्म और जूते के स्कूल रहे हैं तो ऐसे बच्चों को चिह्नित भी किया जायेगा सभी स्कूलों में निगरानी जाएगी बगैर यूनिफार्म के आने वाले बच्चों के अभिभावको बुलाकर सप्ताह में शिक्षक बैठक करेंगे। इससे उनसे कहा जाएगा कि जिस मद के लिए पैसा मिला है उसे बच्चे को पढ़ाई के लिए ही किया जाना चाहिए। अभिभावकों को समझाने से ही संभव है इसका क्रियान्ययन प्रति जाए, ऐसे में अभिभावकों के साथ बैठक करने और निगरानी से सभी बच्चे यूनिफार्म में दिखेंगे।