लड़ाई हक की : एक दिन पढ़ाया नहीं, लाखों मानदेय देगी सरकार - प्राथमिक शैक्षिक खबर

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लड़ाई हक की : एक दिन पढ़ाया नहीं, लाखों मानदेय देगी सरकार

लड़ाई हक की : एक दिन पढ़ाया नहीं, लाखों मानदेय देगी सरकार



विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच में प्रशिक्षण के बावजूद बेरोजगार अभ्यर्थियों को सरकार लाखों रुपये स्टाइपेंड (मानदेय) देने जा रही है। 

इसके लिए अधिकारियों ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति की अधिकतम आयु (50 वर्ष) कटऑफ निर्धारित किया है खास बात यह है कि सालों तक अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले इन बेरोजगारों ने एक दिन भी शिक्षण कार्य नहीं किया है।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की निदेशक डॉ० अंजना गोयल ने 29 मार्च को सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर बेरोजगार अभ्यर्थियों के संबंध में सूचना मांगी है। 

इसी पत्र में निदेशक ने साफ किया है कि 50 वर्ष की आयु तक ही मानदेय दिया जाएगा तकरीबन 500 बेरोजगार प्रशिक्षुओं को ढाई-ढाई लाख रुपये से अधिक बकाया मानदेय मिलना है बेरोजगारों को 2013 से मिलना है। 

मानदेय

विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के प्रशिक्षण के शासनादेश में प्रशिक्षुओं को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति मिलने तक प्रतिमाह 2500 रुपये मानदेय देने का प्रावधान था। 

2004 बैच में दूरस्थ शिक्षा विधि से बीएड करने वाले सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भी प्रवेश लिया था लेकिन प्रदेश सरकार ने सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए इस डिग्री को अमान्य कर दिया था। 

इसके खिलाफ इन अभ्यर्थियों ने लंबी लड़ाई लड़ी और 26 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट से जीत मिलने के बाद सितंबर 2013 से इनका छह माह का प्रशिक्षण शुरू हुआ और तब से ये 500 प्रशिक्षु जो अब तक बेरोजगार हैं, मानदेय के हकदार हो गए।