उत्तर प्रदेश में पिछले 72 घण्टे में मरते प्रशिक्षित स्नातक हिन्दू शिक्षामित्रों के जान की कीमत कीड़े-मकोड़े और जानवर से भी कम - प्राथमिक शैक्षिक खबर

Latest

उत्तर प्रदेश में पिछले 72 घण्टे में मरते प्रशिक्षित स्नातक हिन्दू शिक्षामित्रों के जान की कीमत कीड़े-मकोड़े और जानवर से भी कम

उत्तर प्रदेश में पिछले 72 घण्टे में मरते प्रशिक्षित स्नातक हिन्दू शिक्षामित्रों के जान की कीमत कीड़े-मकोड़े और जानवर से भी कम



उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों का 22 वर्षों का शिक्षण अनुभव होने के बाद भी लगातार हो रही मौतों पर डबल इंजन की सरकार समेत देश के सर्वोच्च न्यायपालिका भी है खामोश है रामराज्य सपना दिखाने वाली सरकार और भारत का आईना की एक और झलक।

प्रत्येक दिन मरता शिक्षा मित्र 
प्रत्येक प्रश्न का एक ही रटा रटाया जबाब मिलता है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 10000₹ कर दिया कभी ये नही कहते कि 40000₹ की 10000₹ कर दिया।

पांच साल में आर्थिक तंगी,बीमारी,परेशानी से हारकर 5000 से अधिक  आत्महत्या कर चुके है।

हे राम हे संत शिरोमणी महराज योगी जी रोज़-रोज़ मरते शिक्षामित्रों की और भी एक नजर कर दो महराज जितने शिक्षामित्र मर गए है सदमा में उतने में दो गॉंव की आबादी है 9 हजार हे परमात्मा इन पीड़ित परिवारों को कैसे न्याय मिलेगा पीएम जी

अब इन मुद्दों पर ना सड़को पर हंगामा होगा ना संसद में चर्चा ना ही चौथे स्तम्भ में सुगबुगाह कोई फर्क नहीं पढता।

आर्थिक तंगी मुसीबत हैं, ऐसी खबरे मीडिया से नदारत हैं सेठ की 'गोदी मीडिया' से तो उम्मीद नहीं हैं दर्द समझना है तो प्रदेश के शिक्षामित्र परिवारों से मिल मिलिए।

माननीय राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी क्या हम शिक्षा मित्रों की मौतें इसी तरह होती रहेगी
हम शिक्षा मित्रों की सुनने वाला कोई नहीं है हमने कौन सा गुनाह किया है जो कोर्ट ने हमें मरने के लिए छोड़ दिया।

प्रधानमंत्री जी प्रदेश के बेसिक शिक्षा में कैशलेस स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आई है जिसमें पैरा शिक्षक भी समाहित हैं इसमें अगर पति-पत्नी 2-बच्चे और माता-पिता के लिए पॉलिसी ली जाती है तो साल का 75 हजार प्रीमियम देना होगा जबकि पैराटीचर्स का सालाना मानदेय कुल 1लाख 10हजार है।