खण्ड शिक्षा अधिकारियों के बारे में शिक्षकों से ली जाएगी फीडबैक
शासन स्तर पर आशंका जताई गई है कि निरीक्षण व छुट्टियों के मामलों में खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों का उत्पीड़न करते हैं इस पर अंकुश लगाने के लिए महानिदेशक ने नई व्यवस्था दी है फोन से हर ब्लॉक के आधे से अधिक शिक्षकों से फीड बैक लिया जाएगा,जिले के अमौली विकास खण्ड में शिक्षकों से फीडबैक लिया गया है।
उसी आधार पर खण्ड शिक्षा अधिकारी चिन्हित किए जाएंगे और कार्रवाई होगी विभागीय अधिकारियों की मानें तो अब शिक्षक अफसरों की कारगुजारी की पोल खोलेंगे कई मामले ऐसे हैं, जिसकी शिकायत शिक्षक नहीं कर पाते थे उन्हें कई तरह से परेशान किया जाता रहा है।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही पर एक तरफ जहां शिकंजा कसने की तैयारी की गई है ब्लाक स्तर पर तैनात खंड शिक्षा अधिकारी, एआरपी और स्कूलों के प्रधानाध्यापक भी सहायक शिक्षकों का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आते हैं कई मामलों में कार्रवाई हो चुकी है, यहाँ ऐसे कई मामलों की जांच हो रही है।
महानिदेशक तक ऐसे मामले पहुंचे हैं, इससे जिलो में शिक्षकों और अन्य के बीच विवाद की स्थिति बन जाती है महानिदेशक ने शिक्षकों से सीधे फीडबैक लेने की रणनीति तैयार की है।
इसके तहत शिक्षकों के मोबाइल नंबर एनआईसी से अपडेट कराए जा रहे हैं इसमें जिन ब्लाकों के खंड शिक्षा अधिकारियों या अन्य के बारे में अधिक शिकायतें मिलेंगी, उन पर कार्रवाई तय की जाएगी।
शासन स्तर पर आशंका जताई गई है कि निरीक्षण व छुट्टियों के मामलों में खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों का उत्पीड़न करते हैं इस पर अंकुश लगाने के लिए महानिदेशक ने नई व्यवस्था दी है फोन से हर ब्लॉक के आधे से अधिक शिक्षकों से फीड बैक लिया जाएगा,जिले के अमौली विकास खण्ड में शिक्षकों से फीडबैक लिया गया है।
उसी आधार पर खण्ड शिक्षा अधिकारी चिन्हित किए जाएंगे और कार्रवाई होगी विभागीय अधिकारियों की मानें तो अब शिक्षक अफसरों की कारगुजारी की पोल खोलेंगे कई मामले ऐसे हैं, जिसकी शिकायत शिक्षक नहीं कर पाते थे उन्हें कई तरह से परेशान किया जाता रहा है।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही पर एक तरफ जहां शिकंजा कसने की तैयारी की गई है ब्लाक स्तर पर तैनात खंड शिक्षा अधिकारी, एआरपी और स्कूलों के प्रधानाध्यापक भी सहायक शिक्षकों का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आते हैं कई मामलों में कार्रवाई हो चुकी है, यहाँ ऐसे कई मामलों की जांच हो रही है।
महानिदेशक तक ऐसे मामले पहुंचे हैं, इससे जिलो में शिक्षकों और अन्य के बीच विवाद की स्थिति बन जाती है महानिदेशक ने शिक्षकों से सीधे फीडबैक लेने की रणनीति तैयार की है।
इसके तहत शिक्षकों के मोबाइल नंबर एनआईसी से अपडेट कराए जा रहे हैं इसमें जिन ब्लाकों के खंड शिक्षा अधिकारियों या अन्य के बारे में अधिक शिकायतें मिलेंगी, उन पर कार्रवाई तय की जाएगी।