उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों पर आधारित मूवी 'मास्साब' देखना ना भूलें
फिल्म
मास्साब
निर्देशक
आदित्य ओम
कलाकार
शिव सूर्यवंशी,शीतल सिंह,मनवीर चौधरी,हुसैन खान, सोहित सोनी,नंदराम आनंद और चंद्रभूषण सिंह
यह एक बेहतरीन फिल्म है जिसकी कहानी में काफी दम है, यह फिल्म हिंदी बहुल क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में व्याप्त भ्रष्ट और अनियमित शिक्षण प्रणाली से लडने वाले एक शिक्षक की कहानी है, अत्यंत छोटे बजट और नवोदित लेकिन प्रतिभाशाली अभिनेता अभिनेत्रियों को लेकर बनाई हुई सर्वश्रेष्ठ फिल्म है।
फिल्म की कहानी का केंद्र "मास्साब" यानी शिक्षक आशीष (शिव सूर्यवंशी) है आईएएस की नौकरी महज इसलिए छोड़ देता है ताकि उसका सपना पूरा हो और उसका सपना है ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चो को शिक्षित किया जा सके इसलिए आशीष एक गांव के प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्राइमरी शिक्षक के तौर पर पढ़ाने चले जाते है।
उस गांव में पहुंचकर वह उस गांव के लोगो के शिक्षा के प्रति पूर्वाग्रहों,भ्रष्टाचार और अज्ञानता का सामना करता है लेकिन उस गांव के अशिक्षित निवासी उसे समर्थन नहीं देते है ऐसे में उस गांव की एकमात्र शिक्षित महिला ऊषा देवी,आशीष की मदद करती है एवम प्रोत्साहन भी देती है ऊषा जी उस गांव की प्रधान भी है।
आशीष एक शांतचित व्यक्ति है वह समस्याओ से हार नही मानता है और वह गांव में फैली अशिक्षा से लडने के लिए सभी को प्रेरित करता है और गांव के लोगो को शिक्षा के प्रति जागरूक करता है बाकि कहानी आप फिल्म में ही देखिए।
फिल्म का निर्देशन पक्ष काफी मजबूत है और आदित्य ओम ने सरकारी स्कूलों में फैली अनियमितता,भ्रष्टाचार दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है फिल्म का निर्देशन इतना सजीव लगता है कि आप एक बार में ही पूरी फिल्म देखकर पूरी करने को मजबूर हो जाएंगे फिल्म के समस्त कलाकारो ने अपने अपने किरदार के साथ न्याय किया है ,फिल्म के संवाद बेहतरीन है।
यह संदेश परक फिल्म अपनी कहानी कहने में सौ प्रतिशत खरी उतरी है और इस फिल्म को राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 48 बार पुरुस्कृत किया जा चुका है यह एक सर्वश्रेष्ठ फिल्म है और इसका कंटेंट इतना दमदार है कि इसे एक से अधिक कई बार देखा जा सकता है यह फिल्म ग्रामीण क्षेत्रों में फैली शिक्षा की जर्जर हो चुकी हालत को सहज तरीके से उजागर करती है एवम सरकार को भी इस गंभीर समस्या पर ध्यान देने की आवश्यकता है।