फतेहपुर समेत 43 जनपदों में तैनात फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों पर मेडिकल बोर्ड की कड़ी कार्रवाई
मेडिकल बोर्ड की कार्यवाही इन भर्तियों पर
विशिष्ट बीटीसी 2007
विशिष्ट बीटीसी 2008 (विशेष चयन)
सामान्य भर्ती 2008
इन 43 जिलों में तैनात हैं ये शिक्षक
फतेहपुर
आगरा
एटा
कानपुर देहात
कन्नौज
फर्रुखाबाद
औरैया
उन्नाव
रायबरेली
सीतापुर
हरदोई
प्रतापगढ़
जालौन
चित्रकूट
बांदा
हमीरपुर
विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, 2008 (विशेष चयन) व 2008 भर्ती प्रक्रिया के 189 दिव्यांग शिक्षकों ने मेडिकल बोर्ड से अब प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया है इन पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल करने का आरोप है ये शिक्षक 2016 से 2022 के बीच कभी मेडिकल बोर्ड के सामने जांच के लिए पेश नहीं हुए।
इन शिक्षकों को अंतिम बार कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं इसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई होगी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ० सवेंद्र विक्रम बहादुर सिंह की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि ऐसे शिक्षकों, अभ्यर्थियों को जून 2022 में जांच का अंतिम अवसर दिया गया था।
उस समय स्पष्ट कहा गया था कि जांच के लिए निर्धारित तिथि को मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित न होने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की जाएगी इस चेतावनी के बाद कुल 220 दिव्यांग शिक्षकों/अभ्यर्थियों में से सिर्फ 31 ने ही मेडिकल बोर्ड से स्वास्थ्य परीक्षण कराया है बाकी अभ्यर्थी उपस्थित नहीं हुए।
अब संबंधित बीएसए को मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश न होने वाले दिव्यांग शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि उन पर कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशक ( बेसिक ) व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को लिखा जा सके।
सूत्रों के मुताबिक इन शिक्षकों को बर्खास्त किया जा सकता है ऐसे ही जो प्रशिक्षण प्राप्त कर सेवायोजित नहीं हुए हैं उन पर कार्रवाई के लिए डायट प्राचार्यों के जरिए नोटिस भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
ये है मामला
विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, 2008 (विशेष चयन) व 2008 भर्ती प्रक्रिया में बड़ी संख्या में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्रों के सहारे अभ्यर्थियों के चयनित होने के आरोप लगे थे इसको लेकर मामला अदालत तक गया था इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड से दिव्यांग अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच कराने के आदेश दिए थे।
इसी क्रम में 2016 से जांच शुरू हुई और सभी दिव्यांग प्रमाणपत्र लगाने वाले अभ्यर्थी बुलाए गए, लेकिन उनमें 189 शिक्षक/अभ्यर्थी अब तक बोर्ड के समक्ष उपस्थित नहीं हुए हैं इन्हीं पर अब अंतिम कार्रवाई की तैयारी है।