आठ साल से कट रही गुरुजी की जेब कहॉं जा रहा पैसा
👉 बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की बीमा पालिसी के नाम पर कट रही किस्त
👉 वर्ष 2014 के बाद नियुक्त शिक्षक व कर्मियों से हो रही 87 रुपये की मासिक कटौती
आपके खाते से कोई तय राशि हर माह काटी जा रही हो और आपको पता न हो कि वह धन कहां जा रहा है तो क्या ऐसा संभव है यकीनन जवाब न में ही होगा लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय शिक्षकों के साथ ऐसा पिछले आठ सालों से हो रहा है।
वर्ष 2014 के बाद भर्ती हुए शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन से सामूहिक बीमा के नाम पर हर महीने 87 रुपये कटे जा रहे हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि बीमा करने वाली कंपनी कौन सी है और किस बीमा पालिसी के लिए यह राशि ली जा रही है।
बेसिक परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की यह स्थिति केवल आगरा में ही नहीं हैं प्रदेश भर के शिक्षक इस परेशानी का सामना कर रहे हैं एलआइसी ने शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सामूहिक जीवन बीमा पालिसी संख्या क्रमंक 4521 व 116846 को 31 मार्च 2014 को बंद कर दिया है।
इस अवधि से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को तो इस बीमा योजना का लाभ मिल रहा है लेकिन बाद में नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों को योजना में कवर नहीं मिल रहा फिर भी उनके वेतन से आठ साल से कटौती जारी है शिक्षकों का इस बात का पता तब चला जब उनके साथी कोरोना से संक्रमित संक्रमण हुए कोविड -19 से जान गंवाने वाले ऐसे शिक्षकों को बीमा राशि का लाभ नहीं मिला।
करोड़ों में हो रही कटौती
प्रदेश के डेढ लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 4.5 लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं शिक्षा विभाग के एक अनुमान के मुताबिक, करीब दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति एक अप्रैल 2014 के बाद की है इन शिक्षकों से प्रतिमाह करीब पौने दो करोड़ की कटौती की जा रही है आगरा जिले में ऐसे शिक्षकों की संख्या करीब तीन हजार है।
करा रहे हैं स्थिति स्पष्ट
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ( एडी ) बेसिक महेश चंद का कहना है कि मामला की शिकायत मिली है वित्त एवं लेखाधिकारी को जांच कर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।