बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत परिषदीय शिक्षकों के जी०पी०एफ० खाते संकट की चपेट में । - प्राथमिक शैक्षिक खबर

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बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत परिषदीय शिक्षकों के जी०पी०एफ० खाते संकट की चपेट में ।

बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत परिषदीय शिक्षकों के जी०पी०एफ०  खाते संकट की चपेट में




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➖ 2 अक्टूबर 1989 को जनपद गोरखपुर से अलग होकर नव सृजित जनपद महराजगंज में कार्यरत शिक्षकों के जी०पी०एफ० कटौती का लेजर पूरा हिसाब किताब कर ब्लॉक वार 1991 - 92 में महराजगंज में आया था  

➖ उस समय महराजगंज के बेसिक शिक्षकों के जी०पी०एफ० की  कुल धनराशि लगभग 15 करोड़ 98 लाख 70 हजार थी ।

➖ तात्कालिक व्यवस्था के तहत बिना किसी हिसाब किताब के मात्र 3 करोड़ रुपये महराजगंज को दे दिए गए 

➖ 1991-92 से 2001 तक की ब्याज दर 12 प्रतिशत थी, उसके बाद अद्यतन लगभग 9 प्रतिशत है ।

➖ इस ऊची ब्याज दर के कारण 1991 - 92 की उक्त अवशेष धनराशि 12  करोड़ 98 लाख इस समय बढ़कर लगभग 98 करोड़ हो चुकी है। 

➖ गोरखपुर में पड़े हुए जी०पी०एफ० के उक्त करोड़ो रुपयों पर  किसी का ध्यान भी नहीं गया, क्योकि वर्ष 2004 तक जो भी सीधी या मृतक आश्रित नई भर्तियां हुईं, उनका जी०पी०एफ० कटता रहा । 

➖ इस अवधि में सेवानिवृत्त शिक्षकों की मामूली संख्या रहती थी, लिहाजा जी०पी०एफ  भुगतान व लोन की कोई समस्या नहीं रही ।

➖ लेकिन  2005 - 06 के आसपास दो ऐसी विभागीय परिस्थितियां पैदा हुई जिन्होंने जी०पी०एफ० संकट को सामने ला दिया ।

➖ इसी वर्ष के बाद नवीन पेंशन योजना आच्छादित शिक्षकों की भर्ती शुरू हुई, इसलिये जी०पी०एफ० फंड में कोई योगदान नही बढ़ा, योगदान स्थिर रहा ।

➖ बेसिक शिक्षा परिषद के गठन के 36 वर्ष पूरे होने के कारण पहले से भर्ती बहुत सारे शिक्षकों की वर्ष 2005 - 06 के बाद बड़े संख्या में सेवानिवृति शुरू हो गयी ।

➖ इससे एक ओर जी०पी०एफ० कटौती का कलेक्शन कम होने लगा तो दूसरी ओर सेवानिवृत शिक्षकों के अंतिम जी०पी०एफ० के भुगतान का दबाव बढ़ने लगा , अब जी०पी०एफ० संकट की आहट शुरू हो गयी थी ।

➖ इस आसन्न संकट को देखते हुए महाराजगंज के शिक्षक प्रतिनिधियों ने उक्त धन को पाने का प्रयाश शुरू किया ।

➖ मामला मंडलायुक्त गोरखपुर तक गया, उन्होंने सख्त रुख अपनाया, और महराजगंज का पैसा वापस न किये जाने पर गोरखपुर के लेखाधिकारी पर एफ०आई०आर० करने की धमकी
दी ।

➖ बताया ये जा रहा है कि महराजगंज का पूरा पैसा वापस करने पर गोरखपुर का जी०पी०एफ० बैलेन्स गड़बड़ हो जा रहा था, क्योकि जनपद गोरखपुर में जी०पी०एफ० में भारी गोलमाल हुआ है ।

➖ यदि लेखाधिकारी गोरखपुर पर एफ०आई०आर० होता तो निश्चय ही दोनों जनपदों के जी०पी०एफ० खातों में हुए अनियमित लेन देन की जांच की जरूर होती , तब से मामला ठंडे बस्ते में चला गया ।

➖ मामला विभागीय स्तरों से वित्त नियंत्रक महोदय तक पहुंचा था , अपने विभाग में वित्त नियंत्रक महोदय का आदेश कभी भी स्पष्ट नहीं होता है ।

➖ लिहाजा गोरखपुर शिक्षक संघ के दबंगई के प्रभाव में आकर गोरखपुर के किसी भी लेखाधिकारी ने महराजगंज के जी०पी०एफ० का पैसा वापस नहीं किया ।

➖ बेसिक शिक्षा निदेशक महोदय ने जी०पी०एफ० भुगतान की समस्या को देखते हुए विभाजित जनपदों के जी०पी०एफ० प्रकरण व नव सृजित जिलों को उनके जी०पी०एफ० का हिसाब - किताब करने का आदेश पत्रांक 69296 - 69495 / 2018 -19 दिनांक 28 दिसम्बर 2018 द्वारा वित्त एवं लेखाधिकारियों को दिया लेकिन पैसा वापस नहीं किया गया ।

➖ सवाल ये उठ रहा है कि बेसिक शिक्षा निदेशक महोदय के उक्त आदेश पर महराजगंज के जी०पी०एफ० की फाइल फिर से क्यों नही खोली गई -
 
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➖ इस आदेश के अनुपालन में गोरखपुर के लेखाधिकारी को पैसा वापस करने का रिमांडर फिर क्यों नही दिया 

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➖ गोरखपुर के लेखा ने पैसा वापस क्यों नही किया 

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➖ निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुके जी०पी०एफ० पैसा वापसी अभियान को रोककर सैकड़ों शिक्षकों के जी०पी०एफ० के 100 करोड़ रुपयों को संकट में क्यों डाला गया 

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➖ यदि गोरखपुर के लेखाधिकारी वित्त नियंत्रक व मंडलायुक्त के आदेश के बावजूद महराजगंज के जी०पी०एफ० का करोड़ो रूपया नहीं दे रहे थे , तो मामले को शासन के संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया 

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➖ इस गंभीर वित्तीय अनियमितता के कारण कारण महराजगंज में सेवानिवृत शिक्षकों का अंतिम भुगतान कामचलाऊ व्यवस्था के तहत वर्तमान में कार्यरत  जी०पी०एफ० आच्छादित शिक्षकों के  जी०पी०एफ० की प्रतिमाह की कटौती लगभग 42 लाख को इकट्ठा कर किया जा रहा है 

➖ इससे GPF के ट्रेजरी खाते  में बैलेन्स कम हो जा रहा है, लिहाजा कार्यरत शिक्षको के जी०पी०एफ० लेजर में 14 से 25 लाख  होने के बावजूद जी०पी०एफ० के ट्रेजरी खाते में पैसे हैं ही नहीं ।

➖ यदि मामला हल नही हुआ तो आने वाले सिर्फ 5 वर्षों में  जी०पी०एफ० भुगतान का अभूतपूर्व संकट पैदा होगा , अभी भी सेवानिवृत के जी०पी०एफ० भुगतान में 4 से 8 माह लग रहे हैं ।

➖ साल दर साल स्थिति खराब होती जाएगी , अगले 5 वर्षों बाद ज्यों - ज्यों शिक्षक रिटायर होंगे , जी०पी०एफ० कटौती कम होती जाएगी , अंतिम भुगतान और  जी०पी०एफ० ऋण मिलना कठिन हो जाएगा ।

➖ साल दर साल ज्यो ज्यों शिक्षक रिटायर होते जाएंगे , जी०पी०एफ० कलेक्शन कम होता जाएगा , जी०पी०एफ० भुगतान संकट बढ़ता जाएगा 

➖ पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जबाब में गोरखपुर के लेखा महोदय का कहना है कि गोरखपुर के जी०पी०एफ०  खाते में 31 मार्च 2020 मात्र 97 करोड़ हैं , जबकि महराजगंज को ही लगभग 94 करोड़ वापस करना पड़ेगा ।

➖ जनपद गोरखपुर में जी०पी०एफ० आच्छादित शिक्षकों की संख्या को देखते हुए उनके जी०पी०एफ० खाते में लगभग 300 करोड़ होना चाहिये। 

➖ इसलिए अब ये संकट गोरखपुर में भी पैदा होने वाला है , अब गोरखपुर में भी 2030 के बाद सेवानिवृत होने वाले सभी जी०पी०एफ० आच्छादित शिक्षक उक्त गंभीर  जी०पी०एफ० संकट के लिये तैयार रहें ।

➖ दोनों जनपदों में जी०पी०एफ० में हुए भारी गोलमाल की कीमत 2030 के बाद सेवानिवृत होने वाले  सभी जूनियर शिक्षक चुकाएंगे ।

➖ ये हालात तब और बेकाबू हो जायेंगे जब , 2030 में लगभग सभी वरिष्ठ शिक्षक अपने जूनियर शिक्षकों के  जी०पी०एफ० जमा का पैसा लेकर रिटायर हो जाएंगे ।

➖ उसके बाद जी०पी०एफ० श्रेणी के 1999 से लेकर 2002 तक नियुक्त एवं 2007 में पदोन्नत शिक्षक ही जी०पी०एफ० से आच्छादित हैं, इन्ही की बची खुची कटौती को इकट्ठा कर इन्हें ही दिया जाएगा ।

➖ 2030 के बाद जो भी सेवानिवृत होगा, उसे इन बचे खुचे शिक्षकों के मासिक जी०पी०एफ० कटौती को साल भर इकट्ठा कर दे दिया जाएगा ।

➖ उसके बाद जी०पी०एफ० पी०एल०ए० खाते में कोई पैसा नहीं बचेगा , 2035 के बाद रिटायर होने वाले 2007 में पदोन्नत एवम 2001 व 2002 में नियुक्त शिक्षक अपना जी०पी०एफ० शायद ही पाएं ।

➖ यदि अभी इस मामले को जोर - शोर से उठाकर हल नहीं किया गया तो वर्ष 2002 में नियुक्त और 2007 में पदोन्नत जी०पी०एफ० श्रेणी के अंतिम बैच के 2035 से रिटायर होने वाले शिक्षकों का जी०पी०एफ० लेजर सिर्फ कागज का टुकड़ा रह जायेगा , खाते में कोई पैसा नही होगा , फिर लड़ते रहिये मुकदमा।

➖ आज के 15 साल बाद उस समय आप क्या कर लेंगे 

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➖ क्या आपका पैसा मिल जाएगा 

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➖ याद रखिये जी०पी०एफ० पी०एल०ए० खाता सरकारी है, लेकिन उसमे जमा पैसे व्यक्तिगत होते है , इसमे से अनियमित तरीके से पैसा निकाल लिए जाने के बाद जी०पी०एफ० के ट्रेजरी खाते में पैसा न होने पर कोई भी कोर्ट , कोई भी मुकदमा , कोई भी वकील आपका पैसा नहीं दिला पायेगा ।

  साभार भाई 
RK Patel जी
🙏🙏🙏🙏