69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में कटऑफ को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर ।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार सहायक अध्यापकों के पद पर इस साल मई में घोषित नतीजों के आधार पर भर्ती करने की अनुमति दे दी है ।
जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को इस पद पर चयन के लिए कटऑफ अंक को बरकरार रखने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया ।
इनमें से एक याचिका उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने दायर की थी । हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया कि कटऑफ बढ़ने के कारण भर्ती परीक्षा में विफल रहे शिक्षामित्रों को अगली भर्ती परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा ।
कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया है , सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि कटऑफ बढ़ाने का फैसला गैरकानूनी है , साथ ही बीएड छात्र सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने की पात्रता नहीं रखते ।
बीएड उम्मीदवारों ने छह महीने के ब्रिज कोर्स को पूरा नहीं किया है , जो सहायक शिक्षक के लिए जरूरी पात्रता है , उन्हें केवल प्रशिक्षु शिक्षकों के रूप में भर्ती किया जा सकता है, वहीं , यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और वकील राकेश मिश्रा की ओर से कहा गयाकि कटऑफ में बढ़ोतरी करना कहीं से गलत नहीं है ।
भले ही ऐसी परीक्षा प्रक्रिया बीच में क्यों न की गई हो , उनकी ओर से इस संबंध में पूर्व के कई आदेशों का हवाला भी दिया गया था , सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया ।
कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों में हर्ष कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्रों ने हर्ष जताया है उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक मैका दिए जाने के बाद अब टीईटी पास करके बड़ी संख्या में शिक्षामित्र एक बार फिर से भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं, शिक्षामित्र संघ ने कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश सरकार से भर्ती में शिक्षामित्रों के लिए विशेष छूट देने की मांग की है ।