एडेड स्कूलों में नियम विरुद्ध नियुक्तियों के बावजूद पिछले 2 वर्षों में 16 करोड़ बॉंट चुका विभाग ।
➖▶️ कभी स्पष्टीकरण .. कभी रिपोर्ट ... कभी कोई आदेश लेकिन नतीजा सिफर।चूना 16 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ हीलाहवाली ...।
➖▶️ मामला माध्यमिक शिक्षा के सहायता प्राप्त स्कूलों में नियम विरुद्ध तैनात शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति का है ।
➖▶️ अवैध नियुक्ति होने के बाद भी विभाग दो साल से इन्हें वेतन बांट रहा है ।
➖▶️ वर्ष 2016 में मनमाने तरीके से हुई इन भर्तियों में सरकार ने तत्कालीन डी०आई०ओ०एस -2 को वर्ष 2017 में निलम्बित भी किया लेकिन इन 103 शिक्षकों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई है ।
➖▶️ लखनऊ के डी०आई०ओ०एस० डॉ० मुकेश सिंह ने निदेशक विनय पांडेय को पत्र लिख कर कहा है कि रिकवरी का प्रस्ताव भेजे हुए करीब चार महीने बीत चुके हैं, लेकिन नियम विरुद्ध भर्ती शिक्षकों की सेवा समाप्ति से जुड़ा कोई आदेश अभी तक नहीं मिला है ।
➖▶️ इससे पहले डी०आई०ओ०एस ने जुलाई में एक पत्र भेज कर शासन को अवगत कराया था कि अब तक इन शिक्षकों को लगभग 16 करोड़ रुपये वेतन के रूप में दिया जा चुका है , छह महीने बीते चुके हैं लिहाजा यह रकम भी बढ़ चुकी है ।
➖▶️ ऐसे में सरकार इन शिक्षकों को फर्जी पाए जाने परवेतन की रिकवरी कैसे कर पाएगी ?
➖▶️ इन नियुक्तियों में ज्यादातर तत्कालीन डी०आई०ओ०एस० और प्रबंधकों के रिश्तेदार शामिल थे , ये पद मृत थे यानी अस्तित्व में ही
नहीं थे।
➖▶️ अपर मुख्य सचिव का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा , हमारी सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस है ।