फतेहपुर: परिषदीय विद्यालयों के लिए लागू नई व्यवस्था के कारण ग्राम सभाओं में विद्यालयों का बिल भुगतान होगा।
परिषदीय विद्यालयों के लिए लागू हुई नई व्यवस्था से ग्राम पंचायत परिषदीय विद्यालयों को संपत्ति मानकर उनके बिजली के बिलों का भुगतान करना होगा।
शासन ने पंचायतराज विभाग की ओर से इसके अध्यायन के निर्देश दिए हैं, नए नियम से जहां बेसिक शिक्षा विभाग को राहत मिलेगी वहीं ग्राम पंचायतों पर खर्च का बोझ बढ़ेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद 2129 परिषदीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, इनका भुगतान अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा किया जा रहा है।
विभाग पर लगभग चार करोड़ का बिजली का बिल बकाया चल रहा है, इसको अदा करने के लिए अब शासन ने नया तरीका निकाला है, शिक्षा महानिदेशक ने इस अदायगी को ग्राम पंचायतों से कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बिजली के बिल की अदायगी के लिए शासन से पंचायतीराज विभाग को पत्र भेजा गया है, विभाग में इस मद में अब धन नहीं मिलेगा।
मजे की बात यह है कि संविलियन के बाद स्कूल कम और कनेक्शन ज्यादा हो गए, पहले जिले में 2650, स्कूल संचालित थे, संबिलियन के बाद इनकी संख्या 2129 रह गई है, ऐसी स्थिति में एक कैंपस में दो - दो बिजली के कनेक्शन कागजों पर दौड़ रहे हैं।
विभाग के लिए यह चिंता का विषय बना रहे हैं, मूल में तमाम विद्यालय ऐसे हैं जिनमें कनेक्शन ही नहीं हैं, लेकिन बिजली का बिल आ रहा है,
उनकी देयता बढ़ती जा रही है।