उच्चतम न्यायालय ने शिक्षामित्र तो उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने 69000 शिक्षक भर्ती फैसला किया सुरक्षित।
उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के मामले में सुप्रीमकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है, जस्टिस यू यू ललित की पीठ ने यूपी सरकार और शिक्षा मित्रों की ओर से दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
यूपी सरकार की ओर से एएसजी ऐश्वर्या भाटी और राकेश मिश्रा ने बहस की,शिक्षामित्रों ने कहा कि यूपी सरकार ने शिक्षकों कि भर्ती के लिए कट ऑफ अंक 60/65 कर दिया हैं, जबकि कोर्ट ने उन्हे 25 अंकों का भारांक देने का आदेश दिया था।
इस हिसाब से उनके लिए ये अंक 40/45 होने चाहिए किन्तु कट ऑफ अंक बढ़ने के कारण भर्ती से 37000 के लगभग शिक्षा मित्र बाहर हो गए हैं,
जून में कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि 37000 पड़ खाली रखे जाएं।
इसी क्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले की सीबीआई जांच कराए जाने के आग्रह वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 6 अगस्त की तिथि तय की है।
न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने यह आदेश शुक्रवार को अभ्यर्थियों अजय कुमार ओझा व उदयभान चौधरी की याचिका पर दिया,याचिओं की वकील डॉ० नूतन ठाकुर की दलील थी कि 6 जनवरी 2019 को यह परीक्षा होने के बाद से पेपर लीक होने तक से लेकर कई मुकदमे दर्ज हुए।
यही नहीं, परीक्षा के दिन ही पेपर लीक होने के संबंध में एक मुकदमा एसटीएफ ने हजरतगंज थाना , लखनऊ और प्रयागराज के नैनी व कर्नलगंज और मिर्जापुर के महिला थाना में केंद्र अधीक्षकों द्वारा दर्ज कराए गए थे।
इसके अतिरिक्त 4 जून 2020 को सोरांव , प्रयागराज में परीक्षा में गड़बड़ी के संबंध में केस दर्ज हुआ है
इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई है,नूतन ने दलील दी कि व्यापक स्तर पर पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त किए जाने लायक है और भर्ती की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए।