ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों पर पड़ने लगी भारी,बनी मम्मी पापा की परेशानी का सबब।
लॉकडाउन के बीच शुरू हुआ आनलाइन पढ़ाई का चलन स्कूली बच्चों पर भारी पड़ने लगा है । जिसके चलते उन्हें कई - कई घंटे कंप्यूटर , लैपटाप और मोबाइल फोन के सामने गुजारने पड़ रहे हैं
अभिभावकों की चिंता और इसे लेकर आई शिकायतों के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय आनलाइन पढ़ाई को लेकर मानक प्रक्रिया ( एसओपी ) तैयार करने में जुट गई है । जिसके तहत छात्रों की उम्र और क्लास के आधार पर आनलाइन पढ़ाई के घंटे तय होंगे
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आला अधिकारियों ने इसे लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक भी की है , बाद में उसकी जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्री को भी दी है , अभिभावकों की ओर से लगातार यह शिकायत मिल रही है , कि बच्चों को स्कूलों की ओर से घंटों आनलाइन पढ़ाया जा रहा है , होमवर्क भी उसी पर दिया जा रहा है ।
जिसके चलते बच्चे दिन - दिन भर कंप्यूटर , लैपटाप और मोबाइल से चिपके रहते हैं , इसके चलते उनका व्यवहार बदल रहा है , उनमें चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है , आने वाले दिनों में यह बदलाव उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है, मंत्रालय इसके लिए मानक तय करने में जुट गया है ।
इसमें बच्चों की उम्र और क्लास को देखकर आनलाइन पढ़ाई के घंटे तय होंगे , साथ ही बच्चों को कुछ इस तरह के असाइनमेंट ( काम ) दिए जाएंगे,जो वे स्क्रीन के सामने बैठे बगैर भी किताबों की मदद से कर सकते हैं, फिलहाल मंत्रालय को उम्मीद है ,कि जल्द ही एसओपी जारी कर दी जाएगी जो सभी स्कूलों के लिए जरूरी होगी ।
लॉकडाउन में बंद पड़े स्कूलों के चलते शुरू की गई ऑनलाइन पढ़ाई में छात्र ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, यही कारण है कि इन कक्षाओं से करीब आधे छात्र ही जुड़ पाए हैं, इसके अलावा कहीं नेट की रफ्तार तो कहीं संसाधनों की कमी ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावित कर रही है।
लॉकडाउन के दौर में स्कूल बंद होने से बच्चों को घर पर ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। स्कूल लगातार बच्चों को विभिन्न तरीकों से शिक्षित करने में जुटे हैं। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा मम्मियों के लिए दिक्कत का सबब बन रही है।
ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चे मोबाइल को लगातार देखते हैं, इसके चलते आंखों में जलन, सिरदर्द जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। वहीं मम्मियों का कहना है कि स्कूल में जो पढ़ाई हो जाती है, वह ऑनलाइन नहीं हो सकती
ऐसे में वे बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ रही है, वहीं पढ़ाई के चलते बच्चों में चिड़चिड़ाहट जैसे विकार भी बढ़ रहे हैं, कोर्स भी पूरा नहीं हो पा रहा है, अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई में अंतराल देना चाहिए, ताकि बच्चों को राहत मिल सके।
ऑनलाइन मैटेरियल मुहैया कराकर उससे पढ़ाया जा सकता है, बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान शारीरिक दिक्कतें हो रही हैं, स्कूलों को इसमें बदलाव करना चाहिए, महक आर्य, आरोही आर्य लगातार पढ़ाई से बच्चों की आंखों में जलन और सिरदर्द रहता है।